हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "
रौज़ातुल वायेज़िन" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلی علیه السلام
إنَّ الحَقَّ لايُعرَفُ بِالرِّجالِ إعرِفِ الحَقَّ تَعرِف أهلَهُ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
हक़ को शख्सियतों से नहीं पहचाना जाता, हक़ को पहचानो ताकि उसके अहेल की पहचान हासिल कर सको,
रौज़ातुल वायेज़िन,पेंज 31